जर्नी ऑफ सिंगल एंट्री टू ब्लॉकचेन अकाउंटिंग पर ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का सफल आयोजन वित्तीय लेखांकन को नई तकनीक का सहयोग मिलने से लेखांकन निश्चित तौर पर नए आयाम स्थापित करेगा-कुलपति

Uploaded On : 13 November, 2021

जर्नी ऑफ सिंगल एंट्री टू ब्लॉकचेन अकाउंटिंग पर ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का सफल आयोजन


वित्तीय लेखांकन को नई तकनीक का सहयोग मिलने से लेखांकन निश्चित तौर पर नए आयाम स्थापित करेगा-कुलपति प्रोफेसर अमेरिका सिंह


मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति ने अपने बधाई संदेश में बताया कि वित्तीय लेखांकन को नई तकनीक का सहयोग मिलने से लेखांकन निश्चित तौर पर नए आयाम स्थापित करेगा।
उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि रशिया  के प्रोफेसर दमित्री यकोवेनको ने बताया की स्पष्टता एव पारदर्शिता की कमी के चलते ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का जन्म हुआ यदि इस तकनीक का इस्तेमाल पूर्व में किया गया होता तो एनरॉन और वर्ल्ड कॉम जैसे घोटाले नहीं होते साथ ही उन्होंने बताया कि रशिया के सार्वजनिक क्षेत्र में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को कार्यान्वयन में लाया जा रहा है साथ ही भविष्य में भारत और रशिया के मजबूत रिश्तो की उम्मीद की ।
वाणिज्य महाविद्यालय के अधिष्ठाता, फैकल्टी चेयरमैन संगोष्ठी पैटर्न प्रोफेसर पी के सिंह ने बताया ब्लाकचैन टेक्नोलॉजी ना सिर्फ लेन-देन में पारदर्शिता लाएगा परंतु सभी की आसान पहुंच में रहेगा तथा विकेंद्रीकरण को बढ़ावा देगा । संगोष्ठी के निर्देशक तथा विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर शूरवीर सिंह भाणावत ने बताया ब्लाकचैन टेक्नोलॉजी से लेखांकन में किस तरह के बदलाव आने वाले हैं तथा भविष्य में इसके क्या फायदे होने वाले हैं। विभाग की सहायक आचार्य तथा संगोष्ठी की आयोजक सचिव डॉ आशा शर्मा ने सिंगल एन्ट्री से ट्रिपल एन्ट्री तक के इतिहास के बारे में बताया तथा यूरि एजरी, इयान ग्रीग, टॉड बोयले, विलियम मैकार्थी,  रिचर्ड मातेसेज जैसे महत्वपूर्ण एकाउंटिंग के प्रोफेसर का योगदान और उनकी मुख्य भूमिका, दोहरी लेखा प्रणाली से तीसरी लेखा प्रणाली तक की लेखांकन की सुखद यात्रा का वर्णन किया, तथा डेबिट और क्रेडिट के अलावा शब्द ट्रीपेट का प्रादुर्भाव, अकैडमीशियन द्वारा  ट्रिपल अकाउंटिंग,यूनिवर्सल एकाउंटिंग, वर्ल्ड वाइड अकाउंटिंग को लेकर चर्चा की गई तथा भविष्य में इसके  होने वाले प्रभाव के बारे में बताया।
 कंप्यूटर साइंस विभाग के अध्यक्ष तथा सह आचार्य डॉ अविनाश पवार ने धन्यवाद ज्ञापित किया तथा बताया ब्लॉकचेन अकाउंटिंग लेखांकन ओर कंप्यूटर साइंस का बेहतरीन गठजोड़ है तथा यह लेखांकन में काफी बदलाव लाएगा तकनीकी सत्र की मुख्य वक्ता यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी मलेशिया की एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर रझाना जोहैदा जौहरी ने बताया कि लेखांकन के लगातार विकास के कारण ही यह संभव हो पाया है कि हम आज ब्लॉकचेन अकाउंटिंग जैसी बेहतरीन तकनीक पर आ चुके हैं तकनीकी सत्र के स्पीकर एसडीएम कॉलेज कर्नाटका के डॉ रामचंद्र नायक ने ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर अपना ज्ञान साझा करते हुए बताया कि किस तरह अकाउंटिंग सेंट्रल लेजर पर काम करती है जबकि ब्लॉकचेन अकाउंटिंग डिस्ट्रीब्यूटर लेजर पर काम करती है। इसमें खुद का अंकेशन किया जा सकेगा। तकनीकी सत्र की अध्यक्षता करते हुए श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के प्रोफेसर अनिल कुमार ने बताया कि उद्योग जगत की मांग के अनुसार लेखांकन का भी गति के साथ विकास हुआ है तथा कृत्रिम बुद्धिमत्ता के युग मे   ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी समय की जरूरत है तथा फॉरेंसिक अकाउंटिंग में भी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का भरपूर फायदा मिलेगा। अंत में विभाग की स्कॉलर सुकीर्ति जैन ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।तकनीकी सत्र का निष्कर्ष यही रहा की ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी का अकाउंटिंग में उपयोग करने पर अंकेक्षण, फोरेंसिक अकाउंटिंग, फ्रॉड इतिहास के विषय बन जाएंगे। संगोष्ठी में प्रो मुकेश माथुर, प्रो मंजू बाघमार ,प्रो राजेश्वरी नरेंद्रन, डॉ शिल्पा वर्डिया, डॉ शिल्पा लोढा ,डॉ पारुल दशोरा, श्री पुष्पराज मीणा ,डॉ समता ओरङीया व अमरीन खान मौजूद रहे।

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Last Updated on : 28/03/24