चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में सुखाड़िया विश्वविद्यालय का रोड मैप : चिकित्सा पाठ्यक्रमों के साथ होगा विश्वविद्यालय का अकादमिक विस्तार

चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में सुखाड़िया विश्वविद्यालय का रोड मैप : चिकित्सा पाठ्यक्रमों के साथ होगा विश्वविद्यालय का अकादमिक विस्तार एएनएम,जीएनएम, बीएससी नर्सिंग, डिप्लोमा,पैरामेडिकल सहित चिकित्सा स्नातक पाठ्यक्रमों को प्रारम्भ करने की कुलपति प्रो.अमेरिका सिंह की नई कार्य योजना चिकित्सा शिक्षा में शोध अनुसंधान के साथ सुविवि प्रदेश की चिकित्सा शिक्षा को देगा नए आयाम : प्रो.अमेरिका सिंह, कुलपति उदयपुर, शीघ्र ही मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय प्रदेश में नवीन चिकित्सा शिक्षा पाठ्यक्रमों को लेकर चिकित्सा के क्षेत्र में दस्तक देने तैयारी करने जा रहा है,विगत कई वर्षों में सुविवि ने उच्च शिक्षा में लागू की गई अभूतपूर्व योजनाओं और नावाचार के माध्यम से गुणवत्ता के नए मानक निर्धारित किए है, चिकित्सा शिक्षा के नए रोड मैप के साथ एक बार सुविवि प्रदेश में पुन: नए चिकित्सा पाठ्यक्रमो के साथ अपना अकादमिक विस्तार करने जा रहा हैं। विश्विद्यालय के विशेषज्ञयों का कार्यबल इसको लेकर कुलपति प्रो.अमेरिका सिंह के निर्देशन में एक विस्तृत कार्ययोजना पर कार्य कर रहा हैं, प्रस्तावित कार्य योजना में एएनएम,जीएनएम, बीएससी नर्सिंग, डिप्लोमा, चिकित्सा स्नातक जैसे उद्देश्यपरक पाठ्यक्रमों का आंकलन किया जा रहा हैं। इस संबंध में कुलपति प्रो.अमेरिका सिंह की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय के प्रतिनिधिमंडल ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान,जोधपुर के दल से शिष्टाचार भेंटवार्ता की। एम्स जोधपुर के निदेशक डॉ. संजीव मिश्रा एवं प्रो. सिंह के मध्य चिकित्सा शिक्षा के विभिन्न पाठ्यक्रमों को लेकर विस्तृत विचार-विमर्श व एमओयू को लेकर चर्चा हुई, साथ ही इन पाठ्यक्रमों की संभावनाओं को तलाशने के लिए प्रतिनिधिमंडल ने सुझावों का आदान- प्रदान किया। प्रो.सिंह ने कहा की चिकित्सा एवं हेल्थकेयर हमारी अर्थव्यवस्था की समृद्धि और विकास के लिए लाइफलाइन बन चुका है।मेडिकल प्रोफेशनल्स के लिए करियर प्रॉस्पेक्ट्स मेडिकल डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए मेडिकल प्रोफेशन काफी अच्छी करियर ग्रोथ ऑफर करता है। हेल्थकेयर प्रैक्टिशनर्स के लिए मेडिकल फील्ड में रोज़गार के काफी अवसर मौजूद हैं। विभिन्न जॉब प्रोफाइल्स और उनके सैलरी पैकेज को लेकर युवाओं का चिकित्सा पाठ्यक्रम के प्रति आकर्षण बना हुआ हैं। देश में हर साल असंख्य चिकित्सक महाविद्यालयों से डिग्री लेकर निकलते हैं। आज भी वैश्विक स्तर पर भारतीय चिकित्सकों की अच्छी साख है। दुनिया की सबसे बड़ी चिकित्सा शिक्षा प्रणाली भी भारत में है। हमारे देश के चिकित्सा संस्थानों ने नए शोध अनुसंधान, नवाचार एवं अध्ययन-प्रशिक्षण का आधार होते हैं। यदि आधे से ज्यादा कॉलेजों में अनुसंधान नहीं हो रहे हैं, तो क्या इनसे पढ़ कर निकलने वाले चिकित्सकों की योग्यता व क्षमता विश्वसनीय रह जाएगी।उन्होंने अपेक्षा की कि नवीन चिकित्सा पाठ्यक्रमों से आसपास के ग्रामीण क्षेत्र सहित असंख्य विद्यार्थी लाभान्वित होंगे। इस अवसर पर एम्स के निदेशक डॉक्टर संजीव मिश्रा ने एम्स के विभिन्न विभागों, चिकित्सा पाठ्यक्रमों एवं आयुर्विज्ञान संस्थान की विभिन्न गतिविधियों के बारे में कराया।उन्होंने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखा रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है।एम्स चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण क्रांतिकारी संस्थान के रूप में उभरा है। इस अवसर पर उनके साथ अधिष्ठाता प्रोफेसर मदन सिंह राठौड़ व एम्स के प्रोफेसर्स भी उपस्थित थे। डॉ.संजीव मिश्रा एवं प्रोफेसर अमेरिका सिंह की यह शिष्टाचार भेंट वार्ता की।
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Last Updated on : 09/04/24